CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉल?

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लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने वायसराय के रूप में कार्य किया

हम इतिहास के निर्माता नहीं हैं, हम इसी से बने हैं – मार्टिन लूथर किंग जूनियरभारतीय इतिहास हजारों…

मध्यकालीन भारतीय इतिहास को दो काल खंडों में विभाजित किया जा सकता है-

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) में सामंती अर्थव्यवस्था विद्यमान थी।

भारत में साम्प्रदायिकता की समस्या एवं हिन्दू प्रतिरोध

) की ‘जमी-अल-तवारीख’, अली अहमद की ‘चचनामा’ (फतहनामा), मिन्हाज-उस-सिराज की ‘तबकात-ए-नासिरी’, जियाउद्दीन बरनी की ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ एवं अबुल फजल की ‘अकबरनामा’ आदि ऐतिहासिक check here दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में विस्तार से

चौसा में शेर खान द्वारा हुमायूँ की हार

सिंधु घाटी सभ्‍यता सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल

तक रहा। विष्णु गुप्त गुप्त वंश का अंतिम शासक था।

" मुस्टेरियन " सभ्यता के पश्चात " रेनडियन " सभ्यता का प्रादुर्भाव हुआ। इस समय लोगों में मानवोचित बुद्धि का विकाश होने लगा था। फिर इसके बाद वास्तविक सभ्यताएं आई जिसमें पहली सभ्यता नव पाषाण कालीन कही जाती है। इस सभ्यता के युग का मनुष्य अपने ही जैसा ही वास्तविक मनुष्य था। अतः यूथिल सम्यता से लेकर नव पाषाण सभ्यता तक का काल पाषाण- युग कहलाता है।

छत्रपति शिवाजी – संघर्ष एवं उपलब्धियाँ

पू. के बाद का इतिहास ‘इतिहास’ कहलाता है।

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